राजा बलि मत दे रे दान जमीं को राजा बलि मत दे रे दान जमीं को तू जाने ये आया रे ब्राह्मण ,रूप हे रे हरी को राजा बलि मत दे रे दान जमीं को याने ही तो राजा रावण छलिया ,रूप धर्यो रे तपसि को राजा बलि मत दे रे दान जमीं को याने ही तो राजा कंस छलिया , रूप धर्यो रे बालक को राजा बलि मत दे रे दान जमीं को याने ही तो हिरण्यकश्यप छलिया , रूप धर्यो रे नरसिंह को राजा बलि मत दे रे दान जमीं को तो ये राजा बलि छलने आये , रूप धर्यो रे वामन को राजा बलि मत दे रे दान जमीं को
हरी हरी दूर्वा में खेले गजानंद कोई गोद में उठा लो १. गोद में उठाने ब्रह्माजी भी आये , गोद में उठाने विष्णुजी भी आये ब्रह्माणी जी मल - मल नहला रही रे कोई गोद में उठा लो लक्ष्मीजी बागे पहना रही रे कोई गोद में उठा लो २. गोद में उठाने राम जी भी आये , गोद में उठाने कृष्ण जी भी आये सीता जी तिलक लगाए रही रे कोई गोद में उठा लो राधे जी उनको सजा रही रे कोई गोद में उठा लो ३. गोद में उठाने शंकर जी भी आये , गोद में उठाने सारे भक्त भी आये गोरा जी दूध पीला रही रे कोई गोद में उठा लो सखिया तो झूला झुला रही रे कोई गोद में उठा लो हरी हरी दूर्वा में खेले गजानंद कोई गोद में उठा लो
१. मंदिर में बैठी मैया गुफा छोड़ के , गोटेदार लहंगा चूनर ओढ़ के गणपति जी भी आगये रणतभवर छोड़ के रिद्धि सिद्धि भी आगयी जयकारा बोल के बोल साँचे दरबार कि जय ......... २. मंदिर में बैठी मैया गुफा छोड़ के , गोटेदार लहंगा चूनर ओढ़ के शंकर जी भी आगये कैलाश छोड़ के पार्वती भी आगयी जयकारा बोल के बोल साँचे दरबार कि जय ......... ३. मंदिर में बैठी मैया गुफा छोड़ के , गोटेदार लहंगा चूनर ओढ़ के विष्णु जी भी आगये स्वर्ग लोक छोड़ के लक्ष्मी जी भी आगयी जयकारा बोल के बोल साँचे दरबार कि जय ......... ४. मंदिर में बैठी मैया गुफा छोड़ के , गोटेदार लहंगा चूनर ओढ़ के ब्रम्हाजी भी आगये ब्रम्हाण्ड छोड़ के ब्रम्हाणी भी आगयी जयकारा बोल के बोल साँचे दरबार कि जय ......... ५. मंदिर में बैठी मैया गुफा छोड़ के , गोटेदार लहंगा चूनर ओढ़ क...
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